UP news: रेंट एग्रीमेंट में दलालों का खेल खत्म, लखनऊ से वाराणसी तक योगी सरकार ने लागू की नई स्कीम

UP news: रेंट एग्रीमेंट में दलालों का खेल खत्म, लखनऊ से वाराणसी तक योगी सरकार ने लागू की नई स्कीम

 UP news: रेंट एग्रीमेंट में दलालों का खेल खत्म, लखनऊ से वाराणसी तक योगी सरकार ने लागू की नई स्कीम


Rent Agreement Online: यूपी में रेंट एग्रीमेंट बनवाने के लिए अब कचहरी और वकील के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. रेंट एग्रीमेंट एक ऐसा दस्तावेज है जो किरायेदार और मकान मालिक दोनों के अधिकारों को सुरक्षित रखता है....



UP online rent agreement policy: बहुत से लोग है जो किराये के मकान में रहते हैं और रेंट एग्रीमेंट बनवाते है. रेंट एग्रीमेंट एक ऐसा दस्तावेज है जो किरायेदार और मकान मालिक दोनों के अधिकारों को सुरक्षित रखता है. इसको देखते हुए योगी सरकार रेंट एग्रीमेंट सस्ता और आसान करने की तैयारी में है. यूपी स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन विभाग रेंट एग्रीमेंट प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की तैयारी कर रहा है. विभाग इसके लिए एक वेबसाइट बना रहा है जिसमें रेंट एग्रीमेंट का एक प्रोफॉर्मा शामिल होगा जिससे किराएदार और मकान मालिक इसे भर सकेंगे. 


अगले महीने से प्रक्रियाएं होंगी शुरू

किराएदार और मकान मालिक को इस प्रोफॉर्मा में सभी जानकारी भरनी होगी. जरूरी सबूतों को भी अपलोड करना होगा. इस प्रक्रिया के बाद रेंट एग्रीमेंट भी ऑनलाइन पंजीकृत होगा. इसके लिए भुगतान भी ऑनलाइन किया जाएगा. स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन विभाग के अधिकारी ने कहा कि अगले महीने से ये प्रक्रियाएं शुरू हो जाएंगी. 


प्रदेश के बड़े शहरों किया जाएगा लागू

अधिकारियों के मुताबिक, प्रदेश के कुछ बड़े शहरों जैसे लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और मेरठ में पहले इस व्यवस्था को पायलट रन के माध्यम से लागू किया जा


रेंट एग्रीमेंट फीस होगी कम

वहीं रेंट एग्रीमेंट फीस में भी दो फीसदी की कमी करने की तैयारी है. यह फीस किराए के 1 से 1.5 फीसदी तक घटाई जा सकती है. रेंट एग्रीमेंट पर अभी भी 2 प्रतिशत की फीस लगती है. विभागीय अधिकारी ने बताया कि इसका प्रस्ताव हाल ही में मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत किया गया था. जिसमें मुख्यमंत्री ने रेंट एग्रीमेंट की फीस को कम करने का आदेश दिया था. इसी तरह विभाग अपनी लागत कम करेगा. 


100 रुपये का स्टांप पेपर

मौजूदा समय में किराएदार या मकान मालिक को 100 रुपये का स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट बनवाना पड़ता है. जिसके बाद अलग से रजिस्ट्रेशन होता है. इस पूरी प्रक्रिया में किराएदार और मकान मालिक को बढ़ी रकम देनी पड़ती है जिसमें समय भी बर्बाद होता हैं. लेकिन एक बार ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने के बाद इन सभी कठिनाइयों से छुटकारा मिल जाएगा. 

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