जागरण संवाददाता, पटना शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि शिक्षकों के लिए जल्द नई स्थानांतरण नीति लागू की जाएगी। इसमें दिव्यांग, बीमार और महिला शिक्षकों के लिए अलग से प्रविधान होगा। उन्होंने ये बातें शिक्षा विभाग द्वारा गुरुवार को शिक्षक दिवस पर स्थानीय श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में आयोजित राजकीय शिक्षक सम्मान समारोह में कहीं। इससे पहले उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले 42 शिक्षकों को सम्मानित किया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षक समाज के निर्माता होते हैं। आज शिक्षकों के सामने समाज को शिक्षित करने की चुनौती है। प्रत्येक बच्चा इंसान बने यह उनकी जिम्मेदारी है।
जिसे सदगुरु मिल जाए वह भाग्यशाली होता है। शिक्षा वह शक्ति है, जिससे तस्वीर और तकदीर दोनों बदली जा सकती है। उन्होंने कुछ आकड़े का हवाला देते हुए कहा कि पहले 1.80 करोड़ बच्चे मध्याह्न भोजन कर रहे थे।
आज संख्या एक करो करोड़ तक पहुंच गई है। पहले 2001 में 34 प्रतिशत महिलाएं शिक्षित थीं, आज 75 प्रतिशत हैं। राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र में बहुत काम कर रही है। विश्वविद्यालय स्तर पर भी विकास हो रहा है।
शिक्षक अपनी जवाबदेही समझें डा. एस सिद्धार्थ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस. सिद्धार्थ ने कहा कि शिक्षक का कार्य सरकारी कर्मचारियों से अलग है। बच्चा अपनी दिनचर्या का 80 प्रतिशत समय स्कूल में बिताता है। इसलिए शिक्षक अपनी जिम्मेदारी को समझें और बच्चे के विकास में अधिक समय दें। आज 90 प्रतिशत शिक्षक पोर्टल पर हाजिरी बनाने लगे हैं। शिक्षा में सुधार के लिए बहुत काम हो रहा है। शिक्षक समय पर स्कूल आएंगे तो बच्चे भी समय पर आएंगे। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सभी जिला पदाधिकारी को स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक करने के लिए निर्देशित किया गया है। जल्द ही शिक्षकों के लिए स्थानांतरण नीति लाई जाएगी। शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव ने अतिथियों का स्वागत किया।
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