समायोजन की गणना में शिक्षामित्रों की अनदेखी, पात्रता रखने वाले शिक्षकों की तैयार कराई जा चुकी है सूची
परिषदीय स्कूल के शिक्षकों के समायोजन में बेल्हा के शिक्षामित्रों को किनारे कर दिया गया। जबकि छात्र और शिक्षक का अनुपात निर्धारित करने के लिए शिक्षामित्रों को शामिल करने का निर्देश शासन से दिया गया था। यही नहीं शासन के इस आदेश के विरोध में प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारियों ने विरोध भी जाहिर किया था।
शासन के आदेश पर जिले के परिषदीय स्कूल में तैनात शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से समायोजित किए जाने की पात्रता रखने वाले शिक्षकों की सूची तैयार कराई जा चुकी है।
इस सूची में जिले के 600 से अधिक शिक्षकों को शामिल किया गया है। समायोजित किए जाने वाले शिक्षकों की सूची सार्वजनिक कर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से आपत्ति मांगी गई है। सूची सार्वजनिक किए जाने के बाद से इस पर तरह तरह के सवाल उठने लगे हैं। कारण बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों में छात्र और शिक्षक अनुपात तय करने के लिए शासन के आदेश को दरकिनार कर शिक्षामित्रों को गणना में शामिल नहीं किया गया। जबकि 16 अगस्त को जारी इसी शासनादेश के विरोध में 21 अगस्त को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ प्रांतीय पदाधिकारियों की ओर से प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री बेसिक शिक्षा विभाग को ज्ञापन दिया गया था। इसमें उच्चतम न्यायालय के 2017 में शिक्षामित्रों की नियुक्ति को लेकर दिए गए आदेश का हवाला देते हुए साफ कहा गया था कि समायोजन में विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों की गणना में शिक्षामित्रों को शामिल नहीं किया जाना चाहिए.
समाप्त हो चुकी है आपत्ति दर्ज कराने की तिथि
परिषदीय स्कूल में तैनात समायोजित किए जाने वाले शिक्षकों की जो सूची बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से तैयार की गई है उस पर आपत्ति दर्ज कराने की आखिरी तिथि दो सितम्बर थी। तीन और चार सितम्बर को आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। निस्तारण के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है।
परिषदीय स्कूल में तैनात शिक्षकों के समायोजन की गणना में शिक्षामित्र और अनुदेशक शामिल नहीं किए जा सकते। तैयार की गई सूची में शासनादेश और पारदर्शिता का पूरा खयाल रखा गया है।
- भूपेन्द्र सिंह, बीएसए
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