अगला नंबर किसका : आखिर बिहार में कितने फर्जी शिक्षक? 18 साल से नौकरी कर सर-मैडम अब धाराएं, जांच में निकला असम कनेक्शन

अगला नंबर किसका : आखिर बिहार में कितने फर्जी शिक्षक? 18 साल से नौकरी कर सर-मैडम अब धाराएं, जांच में निकला असम कनेक्शन

अगला नंबर किसका : आखिर बिहार में कितने फर्जी शिक्षक? 18 साल से नौकरी कर सर-मैडम, जांच में निकला असम कनेक्शन

Bihar Teacher News: बिहार के सीतामढ़ी जिले में फर्जी प्रमाण-पत्रों के आधार पर पिछले 16-18 वर्षों से नौकरी कर रहे अवैध शिक्षक बेनकाब हुए हैं। जांच में प्रमाण-पत्र अवैध पाए जाने के बाद निगरानी विभाग के डीएसपी कन्हैया लाल ने प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिससे अन्य अवैध शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।

सीतामढ़ी में वर्षों से नौकरी कर रहे दो शिक्षक और शिक्षिका फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर हुए बेनकाब संजय कुमार और सोनी कुमारी ने गुवाहाटी (असम ) के फर्जी शिक्षक प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र पर कर रहे थे नौकरी निगरानी विभाग के डीएसपी कन्हैया लाल की ओर से सुरसंड थाना में इन के खिलाफ दर्ज कराई प्राथमिकी



सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिले में एक बार फिर अवैध शिक्षक और शिक्षिका बेनकाब हुए हैं। ये सभी फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर पिछले 16 से 18 वर्षों से शिक्षक की नौकरी कर रहे थे। जांच में सब कुछ खुलासा हो गया है। जांच रिपोर्ट में सर्टिफिकेट अवैध पाए जाने पर निगरानी विभाग के डीएसपी के स्तर से प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस कार्रवाई से अन्य अवैध शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।


जांच में फर्जी मिले हैं सर्टिफिकेट

एक शिक्षक और एक शिक्षिका के शिक्षक प्रशिक्षण के प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए हैं। खास बात यह कि इन दोनों ने नियोजन के दौरान एक ही संस्थान (गुवाहाटी, असम) के प्रमाण-पत्र जमा किए थे। संस्थान ने निगरानी डीएसपी को रिपोर्ट किया है कि इन दोनों के प्रमाण-पत्र उनके संस्थान से निर्गत नहीं है। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद निगरानी के वरीय डीएसपी कन्हैया लाल ने सुरसंड थाना में इन अवैध शिक्षक/शिक्षिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। बताया गया है कि हाईकोर्ट ने जारी आदेश में कहा था कि अगर कोई अवैध नियोजित होंगे, तो स्वेच्छा से इस्तीफा दे दें, नहीं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई और वेतन में प्राप्त राशि की भी वसूली की जायेगी। इस चेतावनी के बाद भी दर्जनों शिक्षक कार्यरत रहे।


वर्षों बाद हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा

वर्षों बाद दोनों के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। प्राथमिकी में जिले के रीगा थाना क्षेत्र के रेवासी गांव निवासी सियाराम ठाकुर के पुत्र संजय कुमार और पूर्वी चंपारण जिले के शिकारगंज थानांतर्गत रुपहारा गांव निवासी स्व. बालेश्वर सिंह की पुत्री सोनी कुमारी पर फर्जी प्रमाण-पत्र पर नौकरी करने का आरोप लगाया गया है। संजय कुमार पूर्व में सुरसंड प्रखंड के मध्य विद्यालय, सुंदरपुर में पदस्थापित था, जबकि वर्तमान में उच्च माध्यमिक विद्यालय श्रीखंडी भिट्ठा पश्चिमी में पदस्थापित हैं। वहीं, शिक्षिका सोनी कुमारी पूर्व में सुरसंद प्रखंड के मध्य विद्यालय, करड़वाना कोरियाही में पदस्थापित थी, जबकि वर्तमान में वह बथनाहा प्रखंड के पुरनहिया विद्यालय में पदस्थापित हैं।


असम का दिए थे प्रशिक्षण प्रमाण पत्र

नियोजन के दोनों ने जो शिक्षक प्रशिक्षण प्रमाण पत्र जमा किए थे, उसे निदेशक एससीइआरटी, असम ने फर्जी बताया है और कहा है कि उनके संस्थान से निर्गत नहीं है। आरोप है कि दोनों शिक्षक ने वर्ष 2006 और वर्ष 2008 में नियोजित हुए थे। दिनों ने नियोजन के दौरान अज्ञात की मिलीभगत से साजिश और छल कर आपराधिक षडयंत्र के तहत नाजायज लाभ लेने के उद्देश्य से जाली शिक्षक प्रशिक्षण अंकपत्र प्रखंड नियोजन इकाई, सुरसंड को प्रस्तुत कर अवैध रूप से नियोजन प्राप्त कर लिया था, जो एक संज्ञेय अपराध है।


पूर्व में भी पकड़े गए थे अवैध शिक्षक

इससे पूर्व भी कई अवैध शिक्षक और शिक्षिका पकड़े गए थे। इनमे बथनाहा प्रखंड के मिडिल स्कूल, तुरकौलिया के शिक्षक रामविलास पंडित, मध्य विद्यालय, नरहा की शिक्षिका सुनीता सिन्हा, मध्य विद्यालय, सिरसिया के शिक्षक राम पुकार राय, मध्य विद्यालय, महुआवा की शिक्षिका पूनम कुमारी, मवि, शाहपुर शीतलपट्टी की शिक्षिका ललिता कुमारी, प्रावि, पटेरवा की शिक्षिका विनीता कुमारी और मवि, कोईली के शिक्षक संजय कुमार समेत अन्य शामिल हैं।

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