नीट यूजी में सुधार व एनटीए की कार्यप्रणाली की समीक्षा के लिए गठित सात सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को सौंप दी है. इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने नीट यूजी को लेकर अपनी रिपोर्ट में कई सुझाव दिये हैं. समिति ने नीट यूजी परीक्षा को दो चरणों और हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन व ऑफलाइन) में आयोजित करने की सिफारिश की है. अभी तक नीट यूजी जितनी बार चाहे उतनी बार दे सकते हैं. साथ ही परीक्षा को लेकर कोई उम्र सीमा भी निर्धारित नहीं है. लेकिन समिति ने
अटेंप्ट को लेकर सुझाव दिया है. साथ ही परीक्षा आयोजित करने के लिए आउटसोर्सिंग करने के बजाय अपने स्वयं के परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने और एनटीए के लिए अधिक स्थायी कर्मचारियों को नियुक्त करना शामिल होगा. मौजूदा समय में राष्ट्रीय परीक्षा आउटसोर्सिंग और अनुबंध कर्मियों पर अधिक निर्भर है.
हाइब्रिड मोड में प्रश्नपत्र डिजिटल रूप से भेजें जाएं नीट यूजी परीक्षा का आयोजन एक से अधिक चरणों में किया जाना चाहिए, क्योंकि स्टूडेंट्स की संख्या अधिक होती है. साथ ही एग्जाम ऑनलाइन मोड में हो और जहां यह नहीं संभव हो, वहां पर परीक्षा का आयोजन हाइब्रिड मोड में किया जाये. ऐसे केंद्रों पर प्रश्नपत्र डिजिटल रूप से भेजे जाएं और उम्मीदवार अपने उत्तर ओएमआर शीट पर दें. इससे पेपर लीक जैसे घटनाएं रोकी जा सकती हैं.
एनटीए ने कहा-परीक्षा पैटर्न में बदलावों पर किया जा रहा विचार आरटीआइ कार्यकर्ता डॉ विवेक पांडेय ने इस संबंध में आरटीआइ फाइल की थी. डॉ पांडेय ने कहा कि एनटीए से नीट यूजी 2025 परीक्षा पैटर्न में बदलावों से जुड़ी जानकारी मांगी गयी थी. इसका जवाब देते हुए एनटीए ने कहा है कि फिलहाल, नीट यूजी 2025 परीक्षा पैटर्न में संभावित बदलावों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है. समिति के अनुसार, नीट यूजी 2025 पैटर्न में बदलाव किया जायेगा. गौरतलब है कि 2024 में एनटीए की ज्यादातर परीक्षाएं चर्चा में ट यूजी पेपर लीक, नीट यूजी रहीं. नीट रिजल्ट, यूजीसी नेट पेपर लीक, फिर उसको पोस्टपोन किया जाना, सीयूइटी में नकल जैसी कई गड़बड़ियों की शिकायत सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गयी. बीच में एनटीए अध्यक्ष को भी बदलना पड़ा.
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