किताबों के लिए बच्चों को नहीं करना होगा इंतजार
राज्य के सरकारी विद्यालयों के बच्चों को इस साल अपनी पाठ्यपुस्तक के लिए इंतजार नहीं करना होगा। किताबों की आपूर्ति जिलों में शुरू कर दी गयी हैं।
शिक्षा विभाग का लक्ष्य है कि अप्रैल में नया सत्र (2025-26) शुरू होने के पहले ही विद्यालयों में किताबें उपलब्ध रहे। इससे सत्र की शुरुआत में ही सभी बच्चों को किताबें दे दी जाएंगी। विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बिहार पाठ्य पुस्तक प्रकाशन निगम को निर्देश दिया है कि जनवरी के अंतर तक एक तिहाई किताबों की आपूर्ति करा दें।
निगम की ओर से 14 जिलों में किताबें पहुंचने लगी है। मालूम हो कि पहली से आठवीं तक के सभी बच्चों को समग्र शिक्षा अभियान के तहत निःशुल्क किताबें दी जाती हैं। इसी क्रम में एक करोड़ दस लाख बच्चों के लिए इस वर्ष 11 करोड़ किताबों की छपाई की जा रही है। किताबों का सेट बनाकर जिलों में आपूर्ति की जा रही है। किताबों के साथ ही पहली से पांचवीं तक के बच्चों को अभ्यास पुस्तिका की आपूर्ति की जा रही है।
विभागीय पदाधिकारी बताते हैं कि जनवरी में एक तिहाई, फरवरी में एक तिहाई और शेष किताबें मार्च की समाप्ति के पहले हर हाल में जिलों में पहुंचा दी जाएंगी।
कक्षा 6 से 8 के बच्चों को दी जाएंगी कंप्यूटर की भी किताबें
इस वर्ष पहली बार मध्य विद्यालय (कक्षा 6 से 8) के बच्चों को कंप्यूटर की किताबें दी जाएंगी। ताकि, कंप्यूटर के बारे में प्राथमिक जानकारी हो सके। मालूम हो कि मध्य विद्यालयों में भी कंप्यूटर की पढ़ाई शुरू करने पर विभाग विचार कर रहा है। किताबों में सड़क सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी गयी है। इससे बच्चों में सड़क सुरक्षा को जागरूकता कम उम्र से ही बन जाएगी ।
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