तीन माह से नही मिला शिक्षामित्रों का मानदेय
तीन माह से शिक्षामित्रों को मानदेय न मिलने से भुखमरी की कगार में पहुंच गये है। बेसिक शिक्षा अधिकारी से मानदेय दिये जाने की मांग की है।
शिक्षामित्र अरविंद कुमार सोनकर ने बताया कि वह प्राथमिक विद्यालय खटेहटा अंश बदौसा ब्लाक नरैनी में शिक्षामित्र के पद पर तैनात है। उसको तीन माह से मानदेय नही मिला। मानदेय न मिलने से बाल-बच्चे भुखमरी की कगार में पहुंच गये हैं। पांच लोगों के परिवार को रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गयी है। शिक्षामित्र प्राथमिक विद्यालय खोलने से लेकर पठन-पाठन की पूरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। नरैनी क्षेत्र के 400 शिक्षामित्रों की रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है। शिक्षामित्रों का मानदेय बीएसए कार्यालय से बनाया जाता है।
बीएसए से की मानदेय दिलवाये जाने की मांग
सम्बंधित लिपिक यह कहकर मानदेय नही बना रहे कि सरकार से अभी ग्रांट नही मिली है। रमाकांत पांडेय भुसासी, पुष्पेंद्र सिंह, अजय पांडेय हड़हामाफी, सुरेश कुमार वर्मा बरकतपुर, राजकुमार कुरील बदौसा सहित सैकड़ों शिक्षामित्रों ने कहा कि भाजपा सरकार ने अध्यापक से उनका डिमोशन करके शिक्षामित्र के पद में वापस कर दिया है। सरकार 10 हजार रूपये में काम कराती है। शिक्षामि त्रों ने बीएसए से मानदेय दिलवाये जाने की मांग की है।
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