प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति के बाद भी योगदान नहीं, 10 शिक्षकों का वेतन हुआ बंद
प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति के बाद भी नव पदस्थापित विद्यालयों में योगदान नहीं करने वाले शिक्षकों पर डीएम ने बड़ी कार्रवाई की है। डीएम ने योगदान नहीं करने वाले 10 शिक्षकों का वेतन बंद करने का आदेश दिया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने राजकीयकृत व परियोजना उच्च विद्यालयों के 24 सहायक शिक्षकों को प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नत्ति देते हुए तीन दिनों के अन्दर नव पदस्थापित विद्यालय का प्रभार ग्रहण कर लेने का आदेश दिया गया था। बावजूद इसके दस शिक्षकों ने योगदान नहीं दिया। डीईओ राज कुमार ने कहा कि नव पदस्थापित विद्यालय में योगदान नहीं करना वरीय पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना है। योगदान नहीं करने वाले सभी सहायक शिक्षकों को 24 घंटे के अंदर योगदान कर प्रभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि ये शिक्षक योगदान नहीं करने के लिए कोई न कोई कारण बताया है।
किसी ने गठिया, तो किसी ने हृदय रोग व मां के वृद्ध होने की वजह बताई
किसी ने शारीरिक अस्वस्थता तो किसी ने गठिया और किसी ने हृदयरोग तो किसी ने मां के वृद्ध होने का कारण बताकर प्रधानाध्यापक पद से विमुक्ति का अनुरोध किया है। हालांकि विभाग का मानना है कि ये सभी कारण इसी लिए दिए जा रहे है क्योंकि इन्हें प्रखंडों के हाई स्कूलों में भेज दिया गया है। इन्दु सिन्हा, शशि वर्मा, सुधा कुमारी, मो. कमरुज्जमा, हाफिज, शगुफ्ता यासमीन, कुमारी मीना सिन्हा, शमा रुही, रूमाना खातून ने योगदान न करने की वजह हेल्थ इशुज को बताया है। वहीं शबाना खातून ने मां के वृद्ध होने को वजह बताया है।
टाउन के सभी हाई स्कूलों में एचएम का पद रिक्त
शहर के 10 हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक का पद अभी भी रिक्त पड़ा है। जिसमें आदर्श हाई स्कूल, बिहार टाउन हाई स्कूल, एसएस बालिका हाई स्कूल, परमेश्वरी देवी हाई स्कूल, राजकीय उच्च विद्यालय राणा बिगहा, शीतला उच्च विद्यालय मघड़ा, पीएल साहू उच्च विद्यालय, कन्या उच्च विद्यालय सोहसराय, सर्वोदय उच्च विद्यालय और जवाहर कन्या प्लस टू विद्यालय में प्रधानाध्यापक का पद रिक्त है। जबकि नालंदा कॉलेजिएट हाई स्कूल की एचएम जुलाई में सेवानिवृत हो रही है।
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