बीपीएससी शिक्षक बहाली पेपर लीक का मामला : ग्रामीण कार्य विभाग के अकाउंटेंट ने कराया पेपर लीक, कुछ दिन पहले जेल से छूटा था

 ग्रामीण कार्य विभाग के अकाउंटेंट ने कराया पेपर लीक, कुछ दिन पहले जेल से छूटा था


बिहार लोक सेवा आयोग की तृतीय चरण की शिक्षक बहाली परीक्षा का पेपर लीक विशाल कुमार के गिरोह ने किया था। हाजीपुर निवासी विशाल ग्रामीण कार्य विभाग में डिविजनल अकाउंटेंट है। परीक्षा 15 मार्च को दो पालियों में ली थी। विशाल कुछ माह पहले ही ओडिशा की बालासोर जेल से छूटा था। ओडिशा पुलिस ने विशाल व उसके पार्टनर विजेंद्र गुप्ता समेत 17 को ओडिशा एसएससी परीक्षा से एक दिन पहले पकड़ा था। विशाल अभ्यर्थियों को दूसरे राज्य ले जाकर पेपर-आंसर रटवाता था।



ईओयू ने मामले की जांच के लिए साइबर क्राइम के एसपी वैभव शर्मा के नेतृत्व में 8 सदस्यीय टीम बनाई है। एडीजी नैयर हसनैन खान और डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों मामले की मॉनिटिरंग कर रहे हैं।


जेल से बाहर आकर विशाल-विजेंद्र ने रची थी साजिश


जेल से छूटने के बाद विशाल व विजेंद्र गुप्ता ने रॉकी पटेल, नालंदा के संजीव सिंह के साथ मिलकर शिक्षक बहाली परीक्षा का पेपर लीक करने की साजिश रची थी। इसमें यूपी और हरियाणा के परीक्षा माफिया भी शामिल हैं। ईओयू ने करबिगहिया के पास छापेमारी कर सबसे पहले विशाल को गिरफ्तार किया। फिर उसकी निशानदेही पर 15 मार्च की सुबह ईओयू ने झारखंड पुलिस की मदद से हजारीबाग में छापेमारी की।


आमने-सामने ईओयू कह रहा- पेपर लीक हुआ, बीपीएससी का दावा- सबूत नहीं


मामले की जांच के बाद ईओयू ने माना कि प्रश्नपत्र लीक हुआ। ईओयू ने बीपीएससी को जांच रिपोर्ट सौंप दी है। हालांकि बीपीएससी की ओर से जारी प्रेस रिलीज में दावा किया गया है कि 16 मार्च को ईओयू ने कथित प्रश्नपत्र लीक की जांच रिपोर्ट दी है पर उसमें ठोस साक्ष्य नहीं है। आयोग को प्रश्नपत्र लीक होने की सूचना 15 मार्च को 2:30 बजे मिली। तब पहली पाली की परीक्षा 12 बजे समाप्त हो चुकी थी। दूसरी पाली की परीक्षा 2:30 बजे शुरू हो चुकी थी। आयोग ने ईआयू से ठोस साक्ष्य की मांग की है। ठोस साक्ष्य मिलने के बाद इस परीक्षा के संबंध में आयोग कोई फैसला लेगा।

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