अजब-गजब:बहू दहेज में नहीं लाई रजाई,सास ने नहीं मनाने दी सुहागरात

 अजब-गजब:बहू दहेज में नहीं लाई रजाई,सास ने नहीं मनाने दी सुहागरात


बाराबंकी।उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बारांबकी जिले में दहेज प्रताड़ना का एक अचंभित करने वाला मामला सामने आया है।दहेज में बहू ससुराल रजाई ससुराल नहीं लाई, तो सास ने सुहागरात ही नहीं मनाने दिया।पीड़ित ने एसपी से इसकी शिकायत की है।इसके बाद मामला परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा।परामर्श केंद्र के काउंसलर भी पीड़िता की बात सुनकर हैरान थे।




बाराबंकी जिले के मसौली थाना क्षेत्र की युवती की शादी लखनऊ में एक सरकारी अस्पताल के संविदाकर्मी के साथ 25 फरवरी 2024 को हुई थी।युवती ने बताया कि उसके पिता का निधन हो चुका है।मां और भाइयों ने दहेज में काफी सामान दिए थे।

युवती के मुताबिक विदा होकर जब ससुराल पहुंची तो सास का व्यवहार उसको लेकर रुखा-रुखा सा नजर आया।ससुराल में पहले दिन घर की दूसरी मंजिल पर वह अकेली रात 10 बजे तक बैठी रही।किसी ने चाय-पानी तक नहीं पूछा।नीचे उतरकर सास के पास गई और अपना कमरा पूछा।सास ने कमरा बताया,लेकिन कमरे में रजाई नहीं थी।जाड़े का मौसम था इसलिए सोते समय रजाई का होना कमरे में जरूरी था।

युवती ने बताया कि सास से पूछा कि कमरे में रजाई क्यों नहीं है, तो वह बोलीं कि तुम्हारी मां व भाइयों ने रजाई दहेज में नहीं दी है, इसलिए बिना रजाई के सो जाओ।फिर कलेवा का सामान जिस चादर में बंधा था, उस चादर को मांगा तो सास ने कहा इसे जरूर ले जाओ, आपके ही मायके का है। युवती ने बताया कि आधी रात को पति रजाई लेकर आए और कहा सो जाओ कल बात करेंगे।पति का रजाई लाना थोड़ा सकून देने वाला था।थकान के कारण सो गई।दूसरे और तीसरे दिन भी पति साथ में लेटे, लेकिन सुहागरात नहीं हुई।

युवती के मुताबिक चौथे दिन पति मोहल्ले में ही स्थित अपने बड़े भाई के घर में चले गए।वहां से चार दिन बाद लौटे फिर भी सुहागरात नहीं हुई।इसके बाद जब पति ड्यूटी पर चले गए, तब सास ने पूछा क्या तुम दोनों ने सुहागरात नहीं मनाई।बहू बोली आप अपने बेटे से पूछें।सास ठहाका मार कर हंसी और बोली हमें पता है मेरी मर्जी के बिना मेरा बेटा कुछ नहीं करेगा। फिर अपने पास बैठाकर सास बोली तुम्हारी मां ने टीवी दिया होता तो हम दोनों सास-बहू बैठकर देखते।पांच परछन वाली साड़ियां भी नहीं दी।इससे हमारी बहुत बेइज्जती हुई है। इन्हीं सब बातों को लेकर हम सब बहुत नाराज हैं।इसीलिए सुहागरात नहीं मनाने दिया गया।

युवती के मुताबिक किसी तरह 15 दिन बाद वह भाई के साथ मायके आ गई।पति से नवरात्र में वापस बुलाने के लिए फोन किया,लेकिन नहीं आए।समझाने की सारी कोशिशें फेल होने के बाद एसपी को प्रार्थना पत्र दिया।वहीं जब पति से पूछा गया तो उन्होंने भी अपनी मां की ओर से रजाई व दहेज के अन्य सामान नहीं देने की बात कही और अपनी नाराजगी का कारण बताया।

पति का कहना है कि अब वह यह रिश्ता खत्म कर लेगा, लेकिन युवती ने पुरानी बातों को भुलाते हुए रिश्ते की नई शुरुआत करने की बात कही है।फिर काउंसलर संजीव मिश्र, अमृता शर्मा और केएन तिवारी ने पति-पत्नी को कुछ देर के लिए अलग बैठकर बातें करने की मोहलत दी।इसके बाद युवक ने एक हफ्ते का मौका सोचने के लिए मांगा,लेकिन महिला थानाध्यक्ष मुन्नी सिंह ने दो दिन का मौका दिया। इसके बाद मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की बात कही।

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