गंगा नदी में छलांग लगाने वाले शिक्षक का 24 घंटे बाद मिल सका शव..
आर्थिक तंगी से परेशान होकर शास्त्री पुल से गंगा में छलांग लगाने वाले अर्थशास्त्र से शिक्षक करुणा शंकर शुक्ल का शव दूसरे दिन शनिवार को शास्त्री पुल से 15 किलोमीटर दूर नैनी इलाके के चाका क्षेत्र में गंगा घाट से बरामद किया गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
शास्त्री पुल से गंगा में छलांग लगाने वाले प्रवक्ता की खोजबीन के लिए शनिवार को सुबह से ही सर्च आपरेशन शुरू कर दिया गया है। वाराणसी से भी एनडीआरएफ की टीम को बुला लिया गया है। शुक्रवार को दोपहर में शिक्षक करुणा शंकर शुक्ला ने पत्नी के सामने ही शास्त्री पुल से गंगा में छलांग लगा दी थी।
इससे हड़कंप मच गया था। पत्नी उनको लेकर अस्पताल जा रही थीं, कि पुल पर पहुंचते ही शिक्षक ने रिक्शा रुकवा लिया। जब तक उनकी पत्नी कुछ समझ पाती उन्होंने पुल से छलांग लगा दी। बताया जा रहा है कि उन्हें कई माह से वेतन नहीं मिल रहा था, जिसके कारण से वह मानसिक अवसाद में थे और आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे।
गांधी इंटर कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रवक्ता ने शुक्रवार सुबह अपने हाथ की नस काट ली। दोपहर पत्नी उन्हें एसआरएन अस्पताल लेकर चलीं तो शास्त्री पुल पर सांस लेने में दिक्कत बताकर टेंपो से उतर गए और गंगा में छलांग लगा दी। गोताखोर घंटों उन्हें खोजते रहे, पर कुछ पता न चला। पत्नी ने स्कूल प्रबंधन पर प्रताड़ित करने और वेतन रोकने का आरोप लगाया है।
मूलत: प्रतापगढ़ के उदयपुर थाना क्षेत्र के रामप्रसाद का पुरवा निवासी करुणा शंकर शुक्ल (46) 20 साल से अंदावा स्थित सिटीजन हाउसिंग में परिवार संग रहते थे। वह झूंसी के पटेलनगर गांव स्थित गांधी इंटर कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रवक्ता थे। वह एक अप्रैल-17 से पांच जुलाई-23 तक कार्यवाहक प्रधानाचार्य भी रहे। 13 दिसंबर-23 को दुर्घटना में ब्रेन हेमरेज के बाद से बीमार चल रहे थे।
दो माह से रुका था वेतन
पत्नी माधवी का आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन ने उनका दो माह का वेतन रोक रखा है। इस कारण अवसाद में आकर शराब के लती भी हो गए थे। शुक्रवार सुबह करुणा शंकर ने घर में ही हाथ की नस काटकर जान देने की कोशिश की। पत्नी उन्हें आननफानन झूंसी के एक निजी अस्पताल ले गईं। वहां से एसआरएन में एक परिचित डॉक्टर को दिखाने के लिए पत्नी टेंपो से जा रही थीं।
शास्त्री पुल पर पहुंचते ही करुणा शंकर ने सांस लेने में दिक्कत बताकर टेंपो रुकवा लिया। पति-पत्नी वहीं उतर गए। तभी, करुणा शंकर पुल की पटरी पर पहुंचे और लोहे की रेलिंग पर चढ़कर गंगा में छलांग लगा दी। यह देख पत्नी बदहवास होकर चीखने-चिल्लाने लगीं। वहां राहगीरों की भीड़ लग गई। आंखों के सामने पति के गंगा में कूदने से माधवी चक्कर खाकर गिर पड़ीं। पुलिस ने शिक्षक की तलाश में गोताखोरों को उतारा, लेकिन देर रात तक उन्हें खोजा न जा सका।
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