देश में एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ रहा है। एआई की वजह से लोगों के कई सारे काम अब मिनटों में हो जाते हैं, मगर एडवांस होती तकनीक का साइबर अपराधी अनुचित इस्तेमाल कर रहे हैं। अधिकतर लोगों को एआई के बारे में सही से नहीं पता है, ऐसे में वे आसानी से साइबर स्कैमर्स के झांसे में फंस जाते हैं। दरअसल, इन दिनों साइबर स्कैमर्स ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं। आगे जानिए कैसे होती है यह ठगी और इससे कैसे बच सकते हैं।
आजकल काफी लोग ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं। ज्यादातर लोगों के पास काम के बाद काफी कम समय होता है। ऐसे में बहुत सारे लोग ऑनलाइन शॉपिंग का सहारा लेते हैं। मगर ऑनलाइन खरीदारी के दौरान एक गलती से बड़ा नुकसान हो सकता है। अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो आगे जानिए साइबर अपराधी किस तरह से लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं।
डिवाइस हो सकता है हैक
ऑनलाइन शॉपिंग करने के बाद ऑर्डर को ट्रैक करने की सुविधा मिलती है। साइबर स्कैमर्स इस बात का ही फायदा उठाते हैं। दरअसल, साइबर ठग एक मैसेज भेजते हैं, जिसमें ऑनलाइन ऑर्डर की सारी जानकारी होती है। इस मैसेज के साथ एक लिंक भी होता है, जिसके जरिए ऑर्डर ट्रैक किया जा सकता है। अगर उस लिंक पर क्लिक कर दिया जाए तो इससे डिवाइस हैक हो सकता है या फिर डिवाइस की सारी जानकारी चोरी हो सकती है।
इस तरह से होती है ठगी
आपको जानकारी के लिए बता दें कि साइबर ठग ऐसे लिंक में एक फिशिंग लिंक जोड़कर भेजते हैं। ऐसे में उस लिंक पर क्लिक करने से डिवाइस में किसी तरह का मैलवेयर या वायरस आ जाता है। इसके बाद साइबर ठगों का काम आसान हो जाता है, क्योंकि उनके पास अहम जानकारी पहुंच जाती है।
- ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान साइबर ठगी से बचने के लिए इस तरह के मैसेज पर गलती से भी क्लिक नहीं करना चाहिए।
- फोन पर आए किसी भी मैसेज का कोई जवाब न दें। साथ ही किसी भी तरह के लालच में आने से बचें।
- अगर मैसेज में किसी तरह की कोई पर्सनल जानकारी मांगी जाती है तो भूलकर भी कोई डिटेल साझा न करें।
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