बाईस साल बाद उपासक 9 रात रखेंगे नवरात्रि उपवास
कलश स्थापन के साथ गुरुवार को मां दुर्गा के शैल पुत्री रूप की पूजा से नवरात्र का आरंभ हुआ। शुक्रवार को मां के ब्रम्हचारिणी रूप की पूजा होगी। नवरात्र आरंभ होते ही दुर्गा मंदिरों और घरों में मां दुर्गा की आराधना शुरू हो गई।
22 साल बाद इस बार माता रानी के उपासक नवरात्रि पर नौ रात उपवास रखेंगें। अंतिम बार यह संयोग 2002 में आया था। इसबार 11 महाअष्टमी व नवमी दोनों मनाया जाएगा। महाअष्टमी का उपवास भी इसी दिन रखेंगे। साथ ही महानवमी भी मनेगी। इस दिन उत्तराषाढ़ नक्षत्र रहेगा। पंडित सौरभ मिश्रा ने बताया कि काशी पंचांग के 10 अक्टूबर को अष्टमी तिथि का आरंभ सुबह 7:29 से होगा और 11 अक्टूबर को प्रातः 6:52 तक रहेगा।
वही मिथिला पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि का आरंभ 10 अक्टूबर को 7:39 से होगा जो 11 अक्टूबर को 7:03 तक रहेगा। दोनों पंचांग के अनुसार उदयया तिथि में 11 अक्टूबर शुक्रवार महाअष्टमी को व्रत किया जाएगा। साथ ही महानवमी भी मनाई जाएगी। सुबद 7:01 के बाद हवन का नवरात्रि समापन का सभी यजमान लोग कर सकेंगे। माताएं लोग इसी दिन महाष्टमी का व्रत करेंगे और अगले दिन दशमी को इस व्रत का पारण करेंगे। 22 साल बाद नवरात्र समाप्ती के बाद व्रत का सभी लोग पारण करेंगे।
संधी पूजा खत्म होते ही आरंभ होगी दशमी: दुर्गा पूजा को लेकर बंगाली समुदाय बंगला पंजी को मानता है। ऐसे में महाशय ड्योढ़ी मंदिर नाथनगर में दुर्गा आराधना के लिए समय तय है। पंडित सोमेन आचार्य ने बताया कि 10 अक्टूबर को सात पूजा और 11 अक्टूबर आठ पूजा को होगा। 12 अक्टूबर को नौ पूजा। होगी।
इसी दिन दशमी भी होगी। नौ पूजा और दस पूजा के बीच संधी पूजा होती है। यह सुबह पौने सात बजे से आरंभ होकर साढ़े सात बजे तक चलेगी। सोमेन ने बताया यह पूजा नवमी एवं दशमी के बीच होती है पूजा समाप्त होते ही दशमी प्रवेश कर जाएगा। देवी की आराधना के बाद प्रतिमा का विसर्जन होगा।
उपवास रखने वाले बुजुर्ग क्या-क्या खाएं
कुछ बुजुर्ग और युवा उपवास के दौरान पानी पर रहते हैं। ऐसा आप करते हैं तो इसके लिए पहले से शरीर को तैयार करना चाहिए। उपवास के दौरान कम से कम पानी, ग्रीन टी, चाय-काफी का सेवन जरूर करें । अगर आप किसी रोग से पीडित हैं तो उपवास से परहेज करें।
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