बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पठन-पाठन की निरंतरता बनाये रखने हेतु त्वरित कार्रवाई करने के संबंध में।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पठन-पाठन की निरंतरता बनाये रखने हेतु त्वरित कार्रवाई करने के संबंध में।

 बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पठन-पाठन की निरंतरता बनाये रखने हेतु त्वरित कार्रवाई करने के संबंध में


उपर्युक्त विषय के संबंध में ज्ञात हो कि राज्य के 28 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए है। मौसम की सक्रियता एवं अत्यधिक वर्षापात से आने वाले समय में भी बाढ़ की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। उक्त के परिपेक्ष्य में यह आवश्यक है कि बाढ़ से प्रभावित विद्यालयों एवं उसके पोषक क्षेत्र में रहने वाले बच्चों पर बाढ़ के प्रभाव को कम करने एवं उनके पठन-पाठन की निरंतरता बनाए रखने की दिशा में तत्पर एवं सजग रहकर कार्य किया जाए। इस संदर्भ में सामान्य निदेश निम्न प्रकार है-




• जिन विद्यालयों में शिक्षण कार्य बंद है, उन सभी विद्यालयों की सूची यथाशीघ्र तैयार कर ली जाए। इसके लिए एक गूगलशीट अलग से सभी जिलों को उपलब्ध कराया जा रहा है।

• यदि बच्चे बाढ़ के कारण विद्यालय नहीं पहुंच पा रहे हैं, तो प्रभावित गांव/टोले में सुरक्षित स्थान पर टोला सेवक/तालीमी मरकज की सहायता से बच्चों को एकत्र किया जाए एवं आवश्यकतानुसार शिक्षकों को तैनात किया जाए, ताकि बच्चों का पठन-पाठन की निरंतरता बनी रहे।

बाढ़ से प्रभावित विद्यालयों के पोषक क्षेत्र के बच्चे अगर रिलीफ कैम्प में हैं तो उनकी सुरक्षा एवं

मानसिक आधात् (मेंटल ट्रॉमा) को ध्यान में रखते हुए रिलीफ कैम्प में बच्चों की संख्या के अनुसार

शिक्षक/शिक्षिकाओं को तैनात कर बच्चों के साथ कुछ रचनात्मक गतिविधियों करायी जाए। बाढ़ प्रभावित विद्यालयों में अविलम्ब साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था और यदि कुछ सामान्य मरम्मति की आवश्यकता हो जैसे स्वच्छ पेयजल हेतु चापाकलों का क्लोरीनेशन, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव, चापाकलों की मरम्मति, शौचालयों की मरम्मति, मध्याहन भोजन बनाने हेतु चूल्हे की मरम्मति आदि अविलंब कराया जाए।

उपरोक्त के अतिरिक्त बाढ़ से प्रभावित होने वाले जिले के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (EE & SSA) उक्त निदेशों को सभी विद्यालयों तक पहुंचाने हेतु सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के साथ एक उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित कर आवश्यक निदेश देना सुनिश्चित करेंगे।

उक्त के संबंध में निदेश है कि बाढ़ प्रभावित विद्यालयों एवं उसके पोषक क्षेत्र में रहने वाले बच्चों पर बाढ़ के प्रभाव को कम करने एवं उनके पठन-पाठन की निरंतरता बनाए रखने हेतु उपरोक्त दिशा-निदेशों का पालन सुनिश्चित किया जाए।

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