शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है जो 22 नवंबर तक चलेगी। लेकिन, शिक्षा विभाग के द्वारा स्थानांतरण नीति में पेंच के कारण सक्षमता उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक, बीपीएससी के पूर्णकालिक शिक्षक तथा टीआरई 1 व 2 के शिक्षकों में ऊहापोह की स्थिति है। जिसके कारण कई शिक्षक वेट एंड वाच की स्थिति में है। इधर, कई शिक्षक संगठनों में भी स्थानांतरण नियमावली को लेकर रोष है। शिक्षक संगठन हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। बताया जाता है कि इस सबके बावजूद जिले के सभी कोटि के 4296 शिक्षकों ने स्थानांतरण को लेकर आवेदन किया है। जिसमें 3103 सक्षमता उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक शामिल हैं। जबकि अन्य कोटि के 1193 शिक्षकों ने स्थानांतरण के लिए ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर आवेदन कर दिया है। कैसे होगा स्कूलों का आवंटन किसी महिला शिक्षिका द्वारा दिए गए प्रथम विकल्प के पंचायत/नगर निकाय के आधार पर सर्वप्रथम उस पंचायत/नगर निकाय के विद्यालयों में उपलब्ध रिक्ति के आधार पर सॉफ्टवेयर के माध्यम से विद्यालय आवंटित किया जाएगा। यदि प्रथम विकल्प के इकाई अंतर्गत विद्यालय आवंटित नहीं होता है, तो द्वितीय विकल्प के विद्यालयों में उपलब्ध रिक्ति के आधार पर विद्यालय आवंटित किया जाएगा।
स्थानांतरण के लिए देने हैं 10 विकल्प
शिक्षकों को स्थानांतरण के लिए शिक्षा विभाग ने 10 विकल्प दिए हैं। इनमें से तीन विकल्प अनिवार्य हैं। यदि तीन अनिवार्य विकल्पों में कोई पद रिक्त नहीं है, तो शिक्षकों को उसी जिले या निकटवर्ती जिले में कहीं पदस्थापित किया जाएगा। असाध्य रोग, गंभीर बीमारी, विकलांगता, ऑटिज्म या मानसिक विकलांगता के आधार पर नियुक्त शिक्षकों को 10 पंचायत या नगर निकाय का विकल्प देना है। ऐसे
शिक्षकों को सिविल सर्जन के द्वारा बनाए गए चिकित्सा प्रमाणपत्र आवेदन के साथ संलग्न करना अनिवार्य है। इसके अलावा विधवा, परित्यक्ता शिक्षिका, महिला शिक्षिका, ट्रांसजेंडर और पति की पोस्टिंग के आधार पर स्थानांतरण चाहने वाले शिक्षकों को 10 पंचायत या नगर निकाय का विकल्प दिया गया है। पुरुष शिक्षक भी 10 अनुमंडल का विकल्प दे सकते हैं।
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