मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। मूल नियोजन पत्र मांगे जाने से सक्षमता पास सैकड़ों शिक्षक संकट में फंस गए हैं। इन शिक्षकों का नियोजन उस वक्त पत्र की फोटो कॉपी के आधार पर हुआ था। अब उनसे मूल कॉपी की मांग की जा रही है।
सक्षमता पास शिक्षकों की काउंसिलिंग में यह मामला सामने आया है। इनका नाम मूल प्रमाण पत्र नहीं मिलने वालों की सूची में डाला दिया गया है। जिले में ऐसे 300 से अधिक शिक्षक हैं। वहीं, विभिन्न जिलों में ऐसे नियोजित शिक्षकों की संख्या हजारों में हैं। सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों की काउंसिलिंग में सभी मूल प्रमाण पत्र लेकर आना था। यही नहीं, संदिग्ध कैटोगरी में आने को लेकर चार तरह के कॉलम बने थे। इसमें एक कॉलम में था कि संबंधित शिक्षक ने मूल प्रमाण पत्र नहीं दिया। इन सभी शिक्षकों का नाम इसी में दर्ज कर दिया गया। वस्तुस्थिति यह है कि नियोजन के समय एक पत्र पर दर्जनों शिक्षकों का नाम डाल फोटो कॉपी करवाकर दिया गया था। शिक्षकों ने कहा कि हमारे पास यह फोटोकॉपी ही मूल नियोजन पत्र है। मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर, कुढ़नी और औराई में संख्या अधिकः शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि उस समय इसी तरह का नियोजन पत्र संबंधित शिक्षकों को मिला था।
जिले में मीनापुर, कुढ़नी, औराई समेत विभिन्न प्रखंड में ऐसे नियोजित शिक्षकों कर संख्या दर्जनों में हैं। शिक्षकों का कहना है कि जब हमें मूल नियोजन पत्र मिला ही नहीं तो हम उसे कहां से दें। यह एक शिक्षक नहीं बल्कि हर प्रखंड के दर्जनों शिक्षकों का मामला है।
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