रघुनाथपुर, एक संवाददाता। विभागीय निर्देश के आलोक में कई स्कूलों ने अब तक बच्चों का अपार आईडी बनाने का कार्य शुरू नहीं किया है। इसे लेकर जिला व प्रखंड के विभागीय अधिकारी अपने उच्चाधिकारियों से रोज कोपभाजन का शिकार हो रहे हैं। इधर, डीईओ के वीसी में प्राप्त आदेश के आलोक में रघुनाथपुर की बीईओ मीनू कुमारी ने एक बार फिर कार्यालय आदेश जारी किया है। अपने आदेश में बीईओ ने तीन दिनों में अपार आईडी का कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया है। वहीं अब तक कार्य को शुरू नहीं करने वाले स्कूलों को सख्त निर्देश दिया है।
अन्यथा की स्थिति में सरकारी स्कूलों के एचएम का 5 दिनों के वेतन की कटौती की चेतावनी दी है। जबकि निजी स्कूलों को भी यू-डायस कोड रद्द कर देने की चेतावनी दी गई है। प्रखंड के 60 से अधिक निजी और सरकारी विद्यालयों ने बच्चों का अपार आईडी बनाने का कार्य अब तक शुरू नहीं किये हैं। इसे लेकर विभाग के सभी अधिकारी काफी गंभीर दिख रहे हैं। हालांकि, कई विद्यालयों
ने यह कार्य शुरू कर दिया है। स्कूलों का कहना है कि सर्वर की तकनीकी गड़बड़ी और नेट स्लो होने की वजह से भी बच्चों का अपार आईडी बनाने में परेशानी हो रही है। इसे लेकर शिक्षक काफी परेशान हैं। कई शिक्षकों ने तो बताया कि उन्हें इसके लिए विधिवत रूप से ट्रेनिंग देनी चाहिए। केवल आदेश जारी करने और वेतन कटौती कर देने से काम नहीं हो जाता है। इस संबंध में बीपीएम विशाल कुमार ने कहा कि सभी एचएम को अपार के संबंध में जानकारी दी गई है। लापरवाही बरतने वालों के दिसंबर माह के वेतन में 5 दिनों की कटौती का फैसला लिया गया है।
यू-डायस पोर्टल पर बच्चों का बन रहा
अपार आईडी: यू-डायस पोर्टल पर बच्चों का अपार आईडी बनाया जा रहा है। इसे बनाने में माता-पिता या अभिभावक का आधार नंबर जरूरी है। साथ ही बच्चों का उनके आधार के अनुसार ही नाम व जन्म तिथि यू-डायस पोर्टल पर होना चाहिये। लेकिन, कई बच्चों के नाम में त्रुटि होने के कारण इसे बनाने में दिक्कत हो रही है। कई बच्चों का तो यू- डायस पोर्टल पर नाम ही नहीं है। बच्चों के नाम व जन्मतिथि आदि सुधारने का कोई ऑप्शन नहीं है। हालांकि, एक फॉर्म मुहैया कराया गया है। जिसे भरकर देने पर जिला से सुधार होगा। तब तक उन बच्चों का अपार आईडी नहीं बनेगा, जिनके प्रोफाइल विवरण में कुछ न कुछ त्रुटि है। शिक्षकों का कहना है कि कक्षा 1 को छोड़कर किसी अन्य कक्षा में नामांकन कराए बच्चों का नाम जुड़ भी नहीं पा रहा है। इससे उन बच्चों का अपार आईडी नहीं बन सकता। दूसरे जगह के ड्रॉप आउट बच्चों को यू-डायस पोर्टल पर इम्पोर्ट भी शिक्षक नहीं कर पा रहे हैं।
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