सरकारी स्कूल के शिक्षकों को अब उनके तैनाती वाले जिले में ही सेवाकालीन प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिले में स्थित प्रशिक्षण केंद्रों में निर्धारित सीट के अनुसार ही शिक्षकों का चयन किया जाएगा। संबंधित शिक्षकों को इसकी सूचना एक सप्ताह पहले दे दी जाएगी। प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए विभाग ने इसमें बदलाव किया है। सेवाकालीन प्रशिक्षण में हुए बदलाव को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक को पत्र भेजा है। अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि शिक्षकों का सेवाकालीन प्रशिक्षण उनके वर्तमान पदस्थापन वाले जिले में ही कराया जाए। प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों का दिन में तीन बार बायोमीट्रिक अटेंडेंस कराया जाए। बायोमीट्रिक अटेंडेंस के आधार पर ही शिक्षकों को सेवाकालीन प्रशिक्षण पूर्ण करने से संबंधित प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा। सभी जिलों के डीईओ को भी इस पत्र की कॉपी भेजी गई है, ताकि उसके - अनुसार प्रक्रिया पूरी कर सके।
पहले दूसरे जिलों में प्रशिक्षण के लिए भेजे जाने से होती थी परेशानी
सेवाकालीन प्रशिक्षण के लिए राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से शेड्यूल जारी किया जाता है। उसके अनुसार सभी जिलों से शिक्षकों को चिह्नित करके दूसरे जिलों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता था। यह प्रशिक्षण पूरी तरह आवासीय है। यानी प्रशिक्षण शुरू होने से एक दिन पहले ही प्रशिक्षण केंद्र पर शिक्षकों को योगदान करना होता है और अगले 6 दिनों तक लगातार प्रशिक्षण चलता है। दूसरे जिलों में प्रशिक्षण के कारण खासकर महिला शिक्षकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था। अब पदस्थापन वाले जिले में प्रशिक्षण होने से सुविधा रहेगी।
सरकारी स्कूल के शिक्षकों के लिए 6 दिन का प्रशिक्षण करना जरूरी
राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 6 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण अनिवार्य किया गया है। यह व्यवस्था सतत व्यावसायिक विकास योजना के तहत की जा रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य के सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाना है। एससीईआरटी की ओर से 6-6 दिन का शेड्यूल तैयार किया जाता है। इसके अनुसार सभी जिलों से वर्गवार शिक्षक प्रशिक्षण के लिए आवंटित जिलों में भेजे जाते हैं। इस प्रशिक्षण में बदलती शिक्षण विधि के साथ ही योग-मेडिटेशन के बारे में भी शिक्षकों को बताया जाता है।
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