थप्पड़ कांड से यूपी की आत्मा को झटका लगना चाहिये-सुप्रीमकोर्ट

थप्पड़ कांड से यूपी की आत्मा को झटका लगना चाहिये-सुप्रीमकोर्ट

 थप्पड़ कांड से यूपी की आत्मा को झटका लगना चाहिये-सुप्रीमकोर्ट 



उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक शिक्षक द्वारा छात्रों से सहपाठी को थप्पड़ लगवाने के मामले पर कड़ी टिप्पणी व्यक्त करते हुये कहा है कि अगर आरोप सही है तो इससे राज्य की अंतरात्मा को झटका लगना चाहिये। साथ ही शीर्ष अदालत ने मामले की जांच की निगरानी के लिये एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को नियुक्त करने का निर्देश दिया है। 

मामला गंभीर और जीवन के अधिकार से जुड़ा हुआ

अदालत ने इसे गंभीर और चिंताजनक करार देते हुये कहा है कि यह जीवन के अधिकार का मामला है। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस एएस ओक और पंकज मिथल की पीठ ने कहा कि जिस तरह से इस मामले में एफआईआर दर्ज की गयी, उसपर हमें गंभीर आपत्ति है।

मुजफ्फरनगर की घटना पर अदालत की सख्त टिप्पणी

बच्चे के पिता ने बयान दिया था कि धर्म के कारण उसे पीटा गया है, लेकिन एफआईआर में उसका जिक्र नहीं है। यहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का मामला है, जिसमें संवेदनशील शिक्षा भी शामिल है। जिस तरह से यह हुआ है, उससे राज्य की अंतरात्मा को झकझोर देना चाहिये। न्यायाधीश की इस टिप्पणी पर राज्य सरकार की तरफसे केएम नटराज ने कहा कि इस मामले में साम्प्रदायिक पहलू को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया है। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से सवाल करते कारण पीटने का आदेश दिया, इसपर कब आरोपपत्र दाखिल होगा।



 अदालत ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि गवाहों और बच्चो को क्या सुरक्षा दी जायेगी। साथ ही यह भी निर्देश दिया कि किसी पेशेवर से बच्चे की काउंसलिंग भी होनी चाहिये। बता दे कि कुछ दिन पहले मुजफ्फरनगर में एक महिला शिक्षक द्वारा एक छात्र को अन्य छात्रों से थप्पड़ मरवाने के लिये कहने का एक वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में शिक्षक र कथित तौर पर साम्प्रदायिक टिप्पणी करते हुये छात्रों को अपने सहपाठी छात्र 7 वर्षीय लड़के को बार-बार मारने के लिये उकसाती नजर आ रही है।



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