ओम नमो भगवते वासुदेवाय मन्त्र जपने से क्या होता है?


ओम नमो भगवते वासुदेवाय मन्त्र जपने से क्या होता है?




भाई साहब जी केवल एक यही मंत्र ऐसा है जिससे कुछ भी प्राप्त कर सकते है यह मंत्र इतना प्रभाव शाली होता है अगर इस मंत्र को पिपल के पते पर खाली लिख कर ही घर मे रख देने से भी धीरे धीरे सुख समृद्धि बडने लग जाती है एक ये ही ऐसा मंत्र है जो अठारह की अठारह सिद्धियां अति सुगमता से मनुषय को प्रधान कर सकता है एक ये ही एसा मंत्र जिसके गयारह लाख जप से केसे भी पितर हो उनहे परेत योनी ओर नरक से छुटकारा दीला सकता है एक ये ही ऐसा मंत्र है जो वाक सिदी के प्रभाव को प्रभाव हीन कर सकता है इस मंत्र के लाखो फायदे है कैसी भी महा भयकर ओपरी पराइ हो या कैसी भी महा भयकर दरिदरता हो उसका समुल विनाश करने मे यह मंत्र पुरा सक्षम है यही एक एसा मंत्र है जिसके जाप से कुडली के समसत ग्रहो को अपने अनुकुल किया जा सकता है इसी मंत्र के जाप से मनुषय कुछ भी प्राप्त कर सकता है मेने इस मंत्र के प्रभाव प्रतयक्ष देखे है यह मंत्र प्रकृति तक को कनट्रोल करने मे पुरा सक्षम है यही वह मंत्र है जो होनी को अनहोनी ओर अनहोनी को होनी बनाने मे पुरा सक्षम है मै ज्योतीष सिखने से पहले इसे ही इसतमाल करता था यही वह मंत्र है जिसे जपने वाले के पास से भी यमराज के दुत नही फटकते है यह मंत्र इतना पावर फुल है अगर किसी मनुषय ने इस मंत्र के कइ लाख जप कर रखे हो अगर वह मनुषय उन जप का फल मृत मनुषय को दे दे तो मृत मनुषय मे दोबारा पराणो का सनचार हो जाए इस मंत्र को आप कही भी युज कर सकते है यही वह मंत्र है जो भीखारी को राजा बनाने की हिमत रखता है लेकिन इसे सही उचारण मे जपना कठिन होता है जो जप लेता है वह सब कुछ पा लेता इसका फल अनय मंत्रो से देर से मिलता है अर्थात अधिक संखया मे जपने से मिलता है जिस मनुषय के सनतान ना होती हो उसके सनतान हो जाती है जिसके पुतर नही होता हो उसके पुतर हो जाता है जिसके कोइ ला इलाज भीमारी हो वह पुरण रुप से ठिक हो जाती है इस मंत्र को मन मन मे तो कही पर भी जप सकते है लेकिन अगर बोल कर जपना है तो वह भगवान श्री नारायण की मुर्ती सामने रखे ओर जितनी देर जप निकाले उतनी देर देशी घी का दिपक जला कर रखना होता है यह मंत्र एक लाख की सखंया के बाद ही अपना सही असर दिखाना चलता करता है जिस मनुषय को नोकरी चाहिऐ हो या रोजगार चाहिऐ हो या रोजगार नही चल रहा हो तो यह मंत्र उनके लिए रामबाण इलाज है यही वह मंत्र है कुडली के हर दुरयोग को पुरण रुप मे राज योग मे बदलने की हिमत रखता है इसी मंत्र से मनुषय कैसी भी सिदी अती सुगता से प्रापत कर सकता है

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