शादीशुदा, कुंवारा, बुजुर्ग और बच्चा सभी की करा दी शादी... फिर ऐसे खुल गई सरकारी अफसरों और बाबुओं की पोल
शादीशुदा था, उसकी भी शादी हो गई. जो कुंवारा था, उसकी भी शादी हो गई. जो बाल बच्चेदार था, उसकी भी शादी हो गई. जो खुद बच्चा था, उसकी भी शादी हो गई. जो बूढ़ा था, उसकी भी शादी हो गई और तो और.. जिसका जन्म भी नहीं हुआ था, उसकी भी शादी हो गई. अब आप कहेंगे, शादी ना हुई मज़ाक हो गया?
एक बड़ी पुरानी कहावत है कि जिसने शादी का लड्डू खाया वो भी पछताया और जिसने नहीं खाया वो पछताया. लेकिन लगता है कि यूपी सरकार के कुछ अफसरों और बाबुओं को ये कहावत पसंद नहीं आई. इसलिए उन्होंने एक नई कहावत बना डाली कि चाहे शादी हो या ना हो लेकिन शादी का पूरा लड्डू सिर्फ वही खाएंगे. कफन चोरों की तो कई कहानियां आपने सुनी होंगी, लेकिन अब आप यूपी में शादियों के सरकारी चोरों की कहानी भी जान लीजिए. जिसे जानकर आप हैरत के समंदर में गौते लगाएंगे.
सभी की करा दी शादी
जो शादीशुदा था, उसकी भी शादी हो गई. जो कुंवारा था, उसकी भी शादी हो गई. जो बाल बच्चेदार था, उसकी भी शादी हो गई. जो खुद बच्चा था, उसकी भी शादी हो गई. जो बूढ़ा था, उसकी भी शादी हो गई और तो और.. जिसका जन्म भी नहीं हुआ था, उसकी भी शादी हो गई. अब आप कहेंगे, भला ये कैसे मुमकिन है ? शादी ना हुई मज़ाक हो गया? सबकी शादी हो गई! कुंवारों की शादी तो समझ में आती है,
लेकिन शादीशुदा, बाल-बच्चेदार और जो दुनिया में ही ना हो, भला उसकी शादी कैसे हो सकती है?
अफसरों और बाबुओं की करतूत तो ये कारनामा कर दिखाया है पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उन अफसरों और बाबुओं ने जिन्होंने सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को पलीता लगाने का ठेका ले रखा है. इनका बस चले तो तो इंसान तो क्या, वो जिन्न की भी शादी करवा सकते हैं, बस.. बदले में रोकड़ा मिलना चाहिए. हिस्से का कट आना चाहिए.
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