सरकार ने कहा- हर हफ्ते बताना होगा... अपने पास कितनी है चीनी, निर्यात बैन पर भी हो सकता है विचार
सरकार ने मंथली कोटा के नियमों और जरूरी कानूनों का पालन करने के लिए चीनी मिलों को निर्देश दिए हैं जिसमें साफ कर दिया गया है कि नियम नहीं मानने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गेहूं, अरहर और मसूर के बाद सरकार ने चीनी के स्टॉक की साप्ताहिक जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है. इसके बाद अब चीनी के कारोबारियों को हर हफ्ते अपने स्टॉक की जानकारी सरकार को देनी होगी. सरकार ने रिटेल मार्केट में चीनी की कीमतों को बढ़ने से रोकने और जमाखोरी से निपटने के लिए ये आदेश जारी किया है. कीमतों को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने थोक विक्रेताओं, रिटेलर्स, बिग चेन रिटेलर्स, प्रोसेसर्स को स्टॉक की जानकारी देने के निर्देश दिए हैं. इन लोगों को स्टॉक की लेटेस्ट जानकारी 'फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन' के पोर्टल (https://esugar. nic.in) पर अनिवार्य रूप से देनी होगी.
चीनी का रियल टाइम डेटा मिलेगा ये व्यवस्था पूरी तरह से डिजिटल है. इससे चीनी की सभी तरह की जमाखोरी और सट्टेबाजी पर रोक लगेगी. इससे चीनी के मार्केट को आगे बढ़ाने मिलेगी. पोर्टल पर रियल टाइम डेटा रहने से स्टाक की सही जानकारी सरकार के पास मौजूद रहेगी
त्योहारों में मंहगाई पर लगाम लगाने की तैयारी में सरकार
सरकार ने चीनी की स्टॉक लिमिट की जानकारी इसलिए मांगी है जिससे जमाखोरी की आशंका ना रहे. फेस्टिव सीजन में चीनी की डिमांड में काफी तेजी आ जाती है. ऐसे में सरकार चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी का जोखिम नहीं लेना चाहती है क्योंकि ठीक उसी वक्त राजस्थान-मध्य प्रदेश 5 राज्यों में चुनाव की तैयारियां अपने चरम पर पहुंच चुकी होंगी. अगर कोई गड़बड़ी हुई जिससे चीनी की सप्लाई घटी और इसके दाम में इजाफा हो गया तो ये सरकार के लिए नुकसानदायक हो सकता है. चीनी के दाम में पहले ही मामूली बढ़ोतरी हो गई है. लेकिन इसे उछाल में तब्दील होने से रोकने के लिए सरकार स्टॉक लिमिट जैसे फैसले कर रही है.
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