सहरसा में सरकारी विद्यालय में अश्लील नृत्य करने के मामले में प्रभारी प्रधानाध्यक निलंबित, जानिए पूरा मामला..

सहरसा में सरकारी विद्यालय में अश्लील नृत्य करने के मामले में प्रभारी प्रधानाध्यक निलंबित, जानिए पूरा मामला..



सहरसा के एक सरकारी स्कूल में अश्लील डांस करने के मामले में प्रभारी हेडमास्टर को निलंबित कर दिया गया है। बीईओ और बीडीओ ने जांच में दोषी पाया था। जानें पूरा मामला...।




सहरसा जिले के महिषी प्रखंड क्षेत्र के बीरगांव में हाल ही में हुई अश्लील डांस पार्टी के मामले ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है। इस घटना को लेकर नवसृजित प्राथमिक विद्यालय नया टोला के प्रभारी हेडमास्टर दीपक कुमार को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में पंचायत सचिव सह सदस्य सचिव शिक्षक नियोजन इकाई ग्राम पंचायत बीरगांव ने आदेश जारी कर दीपक कुमार को उनके पद से निलंबित किया। साथ ही निलंबन अवधि के दौरान उन्हें महिषी के प्रखंड संसाधन केंद्र में मुख्यालय तय किया गया है।

वीडियो वायरल होने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ने इस मामले की जांच के लिए ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (बीईओ) और ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (बीडीओ) को आदेश दिया। जांच में इस आयोजन के लिए प्रभारी हेडमास्टर दीपक कुमार को दोषी पाए गए। हालांकि हेडमास्टर ने अपने बचाव में यह तर्क दिया था कि उन्हें इस डांस पार्टी की कोई जानकारी नहीं थी।
 

महिषी थाने में दर्ज हुआ था मामला

प्रभारी हेडमास्टर दीपक कुमार ने कहा था कि घटना वाले दिन यानी 24 सितंबर को विद्यालय का समय समाप्त होने के बाद वह अपने घर चले गए थे और 25 सितंबर को विद्यालय में छुट्टी थी। जब वह 26 सितंबर को विद्यालय पहुंचे, तब उन्हें इस वीडियो के बारे में पता चला। उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालय की चारदीवारी कमजोर होने के कारण बाहरी गेट हमेशा खुला रहता है, जिससे बाहरी लोग स्कूल में प्रवेश कर सकते हैं। इस आधार पर उन्होंने महिषी थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

सस्पेंशन और आगामी कार्रवाई

हालांकि हेडमास्टर ने खुद को निर्दोष बताया, जांच में उन्हें दोषी पाया गया और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। इस घटना की गहराई से जांच करने के लिए विभागीय अधिकारी बीपीएम को नियुक्त किया गया है, जो तीन महीने के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। निलंबन के दौरान दीपक कुमार महिषी के प्रखंड संसाधन केंद्र में मौजूद रहेंगे।
 

समाज और शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया

यह घटना सामने आने के बाद समाज और शिक्षा जगत में इसको लेकर व्यापक नाराजगी देखी जा रही है। विद्यालय जो शिक्षा और नैतिकता का केंद्र होना चाहिए, वहां इस प्रकार की घटनाओं का होना अत्यंत निंदनीय है। विद्यालय परिसर का इस प्रकार के आयोजनों के लिए इस्तेमाल किया जाना विद्यार्थियों के माता-पिता और समाज के लिए चिंता का विषय बन गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस घटना से हैरान हैं और इसे विद्यालयों की सुरक्षा और अनुशासन के मामले में बड़ी चूक मान रहे हैं।

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