बिहार में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के नियोजन का मामला सामने आ रहा है। खुद को श्रवण बाधित बहरापन)
बताकर स्कूलों में नौकरी पाए ऐसे शिक्षक बिना हियरिंग एड के धीमी आवाज भी खूब सुन रहे हैं। विजिलेंस ब्यूरो ने फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाए शिक्षकों के मामले में पूर्वी चंपारण के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को जून में ही कार्रवाई के लिए कहा था। आरटीआई से उपलब्ध जानकारी में भी कुछ शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी होने की बात सामने आई है। इनमें कई तरह की दिव्यांगता से जुड़े प्रमाण पत्र वाले शिक्षक हैं। भास्कर ने इनमें से श्रवण बाधित शिक्षकों की पड़ताल की। इसको पड़ताल के लिए पूर्वी चंपारण के अलग-अलग स्कूलों में स्टिंग की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। शिक्षक सामान्य शिक्षकों की तरह ही बोलते-सुनते पाए गए।
पूर्वी चंपारण में कई शिक्षकों के दिव्यांगता प्रमाणपत्र में गड़बड़ी की शिकायत मिली है। जिन शिक्षकों के बारे में आरटीआई से जानकारी सामने आई थी उसकी पड़ताल के लिए भास्कर संबंधित स्कूलों में शिक्षकों से मिलने पहुंचा।
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